Thursday 6 March 2014

South Trip.

भ्रमण दक्षिण भारत का 

 तिरुपति भगवन के मंदिर जाने का रास्ता ।
 यहाँ से बाईस किलोमीटर की दूरी , पहाड़ो को काटकर रास्ता बनाया गया है । 

  तिरुमाँला (तीन पर्वतो के मिलन को तिरुमाला कहते है )
तिरुपति के चेकिंग पॉइंट से तिरुपति बालाजी का मंदिर दिखायी देता है।  

चेकिंग पॉइंट पर ट्रैफिक  जाम 

तिरुपति में भीमा पैराडाइस होटल  के सामने
चेकआउट करने के बाद 

मदुरई  जाने की तैयारी 

तिरुपति में  पद्मावती मंदिर ,
कहते है बालाजी के दर्शन के बाद माँ लक्ष्मी के दर्शन करना आवश्यक है 

 तिरुपति में  पद्मावती मंदिर ,



गुमनाम रास्ता ,शहर के जाम से बचने के लिए ड्राईवर ने ये रास्ता चुना 



रास्ते में मूंगफली और फल बेचती महिला 


यात्रा में सहयोगी "थ्री इडियट"  



एकाम्बरेश्वर शिव मंदिर  ( कांचीवरम् )The temple is the largest temple in the town of Kanchipuram and is located in the northern part of the town.[2] The temple gopuram(gateway tower) is 59m tall, which is one the tallest gopurams in India.[3] It is one of the Pancha Bhoota Stalamsrepresenting earth (Sanskrit: पन्च भूत स्थल) referring to the five temples,[4]dedicated to Shiva, a Hindu god, each representing the manifestation of the five prime elements of nature- land, water, air, sky and fire.[5]


हाईवे  मार्ग 
हाई वे ऑफ  साउथ 

यहाँ अच्छा खाना पूर्ण स्वच्छता के साथ मिलता है  

मदुरई के  होटल महाराजा में विश्राम के क्षण 




 मीनाक्षी देवी का भव्य मंदिर 

 मीनाक्षी देवी मंदिर के सामने 


 मदुरई शहर 

  मदुरई शहर 



रोड से  जाने  वालो के लिए
समुद्र के ऊपर रामेश्वरम में पम्बन पुल बनाया गया  है 


 समुद्र के ऊपर ही ट्रैन के लिए पुल बनाया गया जिसे पम्बन पुल कहते है 

खूबसूरत दृश्य का आनंद उठाते हुए 


दक्षिण भारत की   हिंदी  




 धनुष्कोडी के मार्ग पर 


मेरे प्यारे दोस्त एक गोरा एक काला 

धनुष कोडी में सूर्य अस्त का दृश्य 

धनुष्कोडी की समुद्री रेत के बीचोबीच मीठे पानी का कुआ 














विवेकानंद रॉक ( कन्याकुमारी) 








कन्याकुमारी के विवेकानंद स्थल पर 

















Nagaraja Temple (TamilNaga (serpent) + Raja (king)) 


Nagaraja Temple (TamilNaga (serpent) + Raja (king)) is a Hindu temple dedicated to the god Nagaraja situated at the heart of Nagercoil. The name for the town Nagercoil originated from this temple. The temple is full of images of snakes. In addition, the gatekeepers of the sanctums are two snakes.


चालीस रूपये प्रति ग्लास दूध और दस रूपये प्रति हल्दी का पैकेट। 
यहाँ हल्दी और दूध चढाने का रिवाज है ।
छोटा सा मंदिर चारो  ओर सांपों की प्रतिमाये ,बीचो-बीच गणेश जी विराजमान है । 
केरल का साफ-सुथरा सुप्रसिद्ध  कोवलम बीच 
मछुआरे मछली पकड़ रहे है 
केरल का  लोकप्रिय बैक वाटर